🕉️ श्री नरसिंह चालीसा — Shri Narasimha Chalisa

Post: श्री नरसिंह चालीसा — Shri Narasimha Chalisa (Hindi & English)

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श्री नृसिंह / नरसिंह चालीसा ॥ दोहा ॥ मास वैशाख कृतिका युत, हरण मही को भार। | शुक्ल चतुर्दशी सोम दिन, लियो नरसिंह अवतार।। धन्य तुम्हारो सिंह तनु, धन्य तुम्हारो नाम। | तुमरे सुमरन से प्रभु, पूरन हो सब काम।। ॥ चौपाई ॥ नरसिंह देव मैं सुमरों तोहि, धन बल विद्या दान दे मोहि। | जय जय नरसिंह कृपाला, करो सदा भक्तन प्रतिपाला।। विष्णु के अवतार दयाला, महाकाल कालन को काला। | नाम अनेक तुम्हारो बखानो, अल्प बुद्धि में न कछु जानो।। दुख जिन कष्ट हरहिं घटे, त्रास भुज नाशक करहिं चहे। | दुष्ट दलन करहु पालक, भक्तन के हित तुम्हारे कालक।। कराल रूप विकराला, धरि नख कर दैत्य संहारा। | प्रह्लाद भक्त भक्तवत्सल, तुम्हरे नाम सदा हो सुखसल।। जो नरसिंह चालीसा पढ़े, दैहिक दुःख दूर होय झट से। | निश्चय पूर्ति होय सब काम, कनक चैन धन गोपाल नाम।। यः पढ़े प्रतिदिन एक बेरा, भव विनाश हरण भयहरीरा। | नरसिंह स्तुति सुने जो जन, संकट कटें पाप छुटें जगन।। भूत प्रेत पिशाच नहिं आओं, संकट ग्रस्त पर तुम बचाओ। | प्रह्लाद वत्सल जग प्यारा, भक्तन के दीन दुख हारा।। जय सुभग नरसिंहदास, भक्त जनन के तुम रक्षक सास। | जो धरें हृदय नरसिंह नाम, सकल दुख सब होय काम।। भक्ति से जो तुम्हें स्मरय, तासु पर हृदय शांति धरय। | सिंहासन तुम विराज कृपा, भक्तन के करहु निरन्तर लिपा।। दैत्य दलन करहु पराक्रम, करहु क्रोध दुष्ट दल कठिन तम। | जो तुम्हरे चरण जोताय, भव सागर से तैहि उबार जाय।। नरसिंह कृपा अपरम्पार, संकट मोचन जगत उद्धार। | भक्त प्रह्लाद तुम्हरे गुण गाए, सत्यमृतु के राह दिखाए।। नख कराल धरि असुर संहारा, भयंकर रूप विकराला। | गुण गान तुम्हारे करे लोक, देव-मनुष्य सभी करें प्रोक।। जो नरसिंह ध्यान धरते सदा, अभय सुख धन दैहिक मजा। | संकट हरि तन मन से हटे, भक्त जन को सब सुख मिले।। जय नरसिंह कृपालु नाथ, भजहु तुमको जो जनरथ। | जो जपिहै नृसिंह नाम, तिन के जीवन होय सुखधाम।। करहु कृपा हे दीनदयाला, हरहु भय-विद्या-रोग-शाला। | मैं तव शरण प्रार्थी विग्रह, बचावे दुष्ट दलन करहु सरह।। नरसिंह नाम जपै जो नर, पाप सब कटै मिलै मंजुर। | भक्तन के दुख तुम हरहु, दैत्य दलन तुम शत्रु मरहु।। हितकारी भव सदा हमारे, त्राणकारी दूर कर विपारे। | जो नरसिंह चालीसा पढ़हि, हर विपत्ति ताहि से छुटहि।। नरसिंह भक्तन के प्यारे, तुम से मिलै हरि के किनारे। | पठे जो चालीसा एक बारा, रहत आदमी सुखी अपारा।। जो नरसिंह पावे ध्यान जो, सकल बाधा कटे मोहो। | नरसिंह रुप विकराल महान, करहु कृपा कर प्राण मान।। भक्तन की रक्षा करहु प्रभु, कर तुम्हारी कृपा सब भय दुख नाश। | जय जय जय नरसिंह दयालु, भक्तन के हितहिं करहु कमाल।। ॥ दोहा ॥ नरसिंह भगवान की जो करै स्मरण, | अयोध्यादास प्रार्थना, करहु कृपा धारन।।
🙏 “श्री नृसिंह — भक्तों के संकट हरने वाले, कृपालु और तेजमय।” 🙏