🌟 परिचय: दीवाली — प्रकाश और समृद्धि का पर्व

दीवाली या दीपावली भारत का सबसे बड़ा और प्रमुख त्यौहार है।
यह त्यौहार प्रकाश, समृद्धि और अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है।
अमावस्या की रात जब पूरा आकाश अंधकार से घिरा होता है, तब दीप जलाकर घर-आँगन को रोशन किया जाता है।
इस दिन माता लक्ष्मी जी, भगवान गणेश जी, और कई स्थानों पर कुबेर देवकाली माता की पूजा की जाती है।

👉 इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे —

  • दीवाली पर किस देवी-देवता की पूजा होती है 🪔
  • पूजा करने का कारण 🙏
  • पूजा का सही समय व विधि 📿
  • और पूरे दीवाली पर्व का धार्मिक महत्व ✨

🙏 1. दीवाली पर मुख्य रूप से किसकी पूजा की जाती है

देवी / देवतापूजा का महत्व
🪔 माता लक्ष्मीधन, सौभाग्य और समृद्धि की देवी। माना जाता है कि अमावस्या की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और स्वच्छ, रोशन घरों में वास करती हैं।
🙏 भगवान गणेशविघ्नहर्ता। सभी शुभ कार्यों की शुरुआत में गणेश जी की पूजा अनिवार्य मानी जाती है।
💰 कुबेर देवधन के देवता। कुछ जगहों पर लक्ष्मी जी के साथ कुबेर जी की भी पूजा की जाती है जिससे धन-संपत्ति में वृद्धि हो।
🏹 भगवान श्री रामदीवाली का ऐतिहासिक कारण — भगवान राम का 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या आगमन। अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया।
🕯 काली माता (विशेषकर बंगाल में)पश्चिम बंगाल और पूर्वी भारत में दीवाली की रात ‘काली पूजा’ के रूप में मनाई जाती है। शक्ति की उपासना की जाती है।

🪔 2. माता लक्ष्मी की पूजा क्यों की जाती है?

दीवाली की रात अमावस्या की होती है — जब अंधकार गहरा होता है।
हिंदू मान्यता के अनुसार, माता लक्ष्मी इस रात पृथ्वी पर आती हैं और जिस घर में:

  • स्वच्छता होती है 🧼
  • दीपों की रौशनी होती है 🕯
  • भक्ति व श्रद्धा होती है 🙏
    वहीं पर लक्ष्मी जी स्थायी रूप से वास करती हैं।

👉 इसीलिए दीवाली से पहले घरों की सफाई, सजावट, रंगोली और दीपों से सजाना परंपरा बन चुकी है।
लक्ष्मी जी की पूजा से घर में धन, सौभाग्य, शांति और उन्नति आती है — ऐसी धार्मिक मान्यता है।


🧧 3. पूजा का सही समय (मुहूर्त)

दीवाली की पूजा का सबसे शुभ समय होता है:
👉 प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद 1–2 घंटे के बीच)

✅ इस समय माता लक्ष्मी की आराधना सबसे फलदायी मानी जाती है।
✅ दरवाजे और खिड़कियाँ खोलना शुभ माना जाता है ताकि देवी लक्ष्मी का स्वागत हो सके।


📿 4. दीवाली पूजा की विधि (Step by Step)

🪔 पूजा से पहले की तैयारी

  • घर की पूरी सफाई करें और रंगोली बनाएं
  • दरवाजे पर तोरण, दीपक और सजावट लगाएं
  • पूजा स्थल पर चौकी बिछाकर लाल कपड़ा बिछाएं

🙏 पूजन क्रम

  1. 🪔 चौकी पर गणेश जी और लक्ष्मी जी की मूर्तियाँ स्थापित करें।
  2. 🌸 मूर्तियों को जल, रोली, हल्दी, चावल, फूल और मिठाई अर्पित करें।
  3. 💰 लक्ष्मी जी के सामने सिक्के, नोट, आभूषण या तिजोरी रखें।
  4. 🕯 दीप जलाएं और दरवाजे पर विशेष दीप रखें।
  5. 📖 लक्ष्मी पूजन मंत्र और आरती करें।
  6. 🙌 पूजा के बाद परिवार में प्रसाद और मिठाई बांटें।

🪅 5. दीवाली के पाँच दिन — सम्पूर्ण पर्व का महत्व

दिननामविशेषता
1️⃣धनतेरसधन्वंतरि देव और लक्ष्मी जी की पूजा, नई वस्तुएं खरीदना शुभ
2️⃣नरक चतुर्दशी / छोटी दीवालीघर की सफाई और नकारात्मकता दूर करने का दिन
3️⃣मुख्य दीवाली (अमावस्या)लक्ष्मी–गणेश पूजा, दीपदान
4️⃣गोवर्धन पूजा / अन्नकूटभगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की स्मृति
5️⃣भैया दूजभाई-बहन के प्रेम का पर्व

📝 6. दीवाली के धार्मिक व सामाजिक संदेश

  • 🌟 अंधकार पर प्रकाश की विजय — दीपक जलाकर सकारात्मकता का प्रसार
  • 💰 दरिद्रता पर समृद्धि की विजय — लक्ष्मी पूजन द्वारा उन्नति की कामना
  • 👫 परिवारिक एकता व उत्सव — सभी लोग एक साथ पूजा, मिठाइयाँ व खुशियाँ बाँटते हैं
  • 🌍 स्वच्छता व सजावट — पर्यावरण व घर की पवित्रता का प्रतीक

📌 निष्कर्ष

दीवाली केवल एक त्यौहार नहीं बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा, समृद्धि और खुशी का प्रतीक है।
इस दिन की पूजा से घर-परिवार में शुभता, सौभाग्य और धन की वर्षा होती है।
माता लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त करने के लिए —
🧼 घर को स्वच्छ रखें,
🪔 दीपक जलाएं,
🙏 श्रद्धा से पूजा करें,
और परिवार के साथ इस पर्व को आनंदपूर्वक मनाएं।


🪔 आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!

“दीप जलते रहें, घर में खुशियाँ पलती रहें”


सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते॥

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *