💰 GST 2.0 से सरकार को राजस्व नुकसान: कितना और क्यों?

भारत सरकार ने हाल ही में GST 2.0 (नई जीएसटी व्यवस्था) की घोषणा की है, जो 22 सितम्बर 2025 से लागू होगी। इस बदलाव से जहाँ आम जनता और उद्योग जगत को राहत मिलेगी, वहीं सरकार को राजस्व (Revenue) में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।


📊 कितना नुकसान होगा?

विशेषज्ञों और सरकारी आकलनों के अनुसार, सरकार को लगभग ₹48,000 करोड़ (480 बिलियन रुपये) का राजस्व घाटा होगा।

  • पहले चार स्लैब से सरकार को ज्यादा कर संग्रह होता था।
  • अब सिर्फ दो स्लैब (5% और 18%) रखने से कई वस्तुओं पर टैक्स घट गया है।
  • ज़रूरी वस्तुओं को सस्ता करने से सरकार की टैक्स आय कम हो जाएगी।

🧐 सरकार को घाटा क्यों होगा?

कारणप्रभाव
जरूरी वस्तुओं पर 5% टैक्ससरकार को रोज़मर्रा के सामान पर कम टैक्स मिलेगा।
बीमा और शिक्षा पर टैक्स हटायालाखों लोगों को राहत, लेकिन सरकार को बड़ा नुकसान।
वाहनों और उपकरणों पर टैक्स कमछोटे वाहन, टीवी, सीमेंट सस्ते होंगे, टैक्स कलेक्शन घटेगा।
लक्ज़री टैक्स केवल 40% पर सीमितपहले कई वस्तुओं पर अलग-अलग ऊँचा टैक्स था, अब कम हो गया।

📈 क्या यह घाटा पूरा हो पाएगा?

सरकार का मानना है कि यह घाटा अल्पकालिक (Short-Term) होगा।

  • कम टैक्स से लोग ज़्यादा खरीदारी करेंगे
  • खपत बढ़ने से कुल GST कलेक्शन धीरे-धीरे सुधरेगा
  • उद्योग जगत को आसानी मिलने से नए निवेश और रोजगार बढ़ेंगे

✅ जनता और उद्योग को फायदा, सरकार को नुकसान

  • आम जनता को सस्ते सामान और सेवाओं का फायदा मिलेगा।
  • उद्योगों को टैक्स कंप्लायंस आसान होगा।
  • लेकिन शुरुआती दौर में सरकार को भारी राजस्व नुकसान उठाना पड़ेगा।

🎯 निष्कर्ष

GST 2.0 एक ऐतिहासिक सुधार है जो भारत की अर्थव्यवस्था को सरल और उपभोक्ता-हितैषी बनाएगा।
हालांकि सरकार को लगभग ₹48,000 करोड़ का राजस्व घाटा होगा, लेकिन लंबे समय में यह कदम खपत, निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।

👉 यानी सरकार को अभी नुकसान उठाना होगा, लेकिन भविष्य में यही सुधार भारत की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करेगा।


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