यदुवंश का विनाश ( Mausala Parv)
🕉️ महाभारत के अनुसार यदुवंश का विनाश (Mausala Parva) कुरुक्षेत्र युद्ध में कौरवों का नाश हो गया। गांधारी ने दुःखी होकर श्रीकृष्ण को श्राप दिया कि जिस प्रकार उसने उसके…
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Mahabharat हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जिसे विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य माना जाता है। इस श्रेणी (Category) में आप महाभारत से जुड़ी कहानियाँ, पात्रों की जीवन गाथाएँ, युद्ध के प्रसंग, श्रीकृष्ण के उपदेश और गीता के श्लोकों की व्याख्या पढ़ सकते हैं। यहाँ आपको पांडवों और कौरवों की कथा, धर्म और अधर्म का संघर्ष, तथा जीवन से जुड़ी गहरी शिक्षाएँ सरल भाषा में समझाई गई हैं।
महाभारत केवल एक युद्ध की कहानी नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की कला, नीति, राजनीति, धर्म और अध्यात्म का अद्भुत संगम है। इस श्रेणी का उद्देश्य पाठकों तक महाभारत की अमूल्य शिक्षाएँ पहुँचाना है ताकि हर कोई इसे आधुनिक जीवन में अपना सके।
👉 इस सेक्शन में आपको मिलेंगे –
महाभारत की प्रमुख कहानियाँ
पांडव और कौरव चरित्र विवरण
श्रीकृष्ण के उपदेश और गीता का सार
युद्ध से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएँ
🕉️ महाभारत के अनुसार यदुवंश का विनाश (Mausala Parva) कुरुक्षेत्र युद्ध में कौरवों का नाश हो गया। गांधारी ने दुःखी होकर श्रीकृष्ण को श्राप दिया कि जिस प्रकार उसने उसके…
📖 महाभारत कथा – सम्पूर्ण 25 भाग महाभारत केवल युद्ध कथा नहीं, बल्कि धर्म, नीति, कर्म और जीवन का महाग्रंथ है। यहाँ इसे 25 भागों में सरल हिंदी में प्रस्तुत…
महाभारत का अंत कुरुक्षेत्र के 18 दिन चले युद्ध और उसके बाद के प्रसंगों के साथ महाभारत की कथा समाप्त होती है। इस प्रकार महाभारत केवल एक युद्धकथा नहीं, बल्कि…
युद्धोपरांत द्वारका महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने धर्मराज्य स्थापित किया।लेकिन धीरे-धीरे द्वारका में यदुवंशियों के बीच कलह और अहंकार बढ़ने लगा।श्रीकृष्ण जानते थे कि यह यदुवंश स्वयं अपने विनाश…
युद्ध के बाद का जीवन महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने धर्मपूर्वक राज्य किया।युधिष्ठिर का राज्यकाल लंबा और सुख-शांति से भरा हुआ था, लेकिन युद्ध की पीड़ा और अपनों की…
युद्धोपरांत पीड़ा कौरवों के संहार के बाद भले ही पांडव विजयी हुए, लेकिन उनका मन शोक और पश्चाताप से भरा था।उन्होंने अपने परिजनों, गुरुजनों और पुत्रों को खो दिया था।युधिष्ठिर…
युद्ध का अंत अठारह दिन चले भीषण कुरुक्षेत्र युद्ध के बाद कौरवों का संपूर्ण विनाश हो चुका था।सिर्फ कुछ ही योद्धा बचे थे – अश्वत्थामा, कृपाचार्य और कृतवर्मा।👉 पांडव विजयी…
दुर्योधन की अंतिम घड़ियाँ दुर्योधन जंघा टूटने के बाद मृत्युशय्या पर पड़ा था।वह अत्यंत पीड़ा में था और जानता था कि अब कौरवों की हार निश्चित है।अश्वत्थामा, कृपाचार्य और कृतवर्मा…
शल्य का नेतृत्व कर्ण की मृत्यु के बाद कौरव सेना का नेतृत्व मद्रदेश के राजा शल्य ने संभाला।शल्य स्वयं महान रथी थे, लेकिन मन से पांडवों के पक्षधर थे।कौरवों का…
कर्ण का नेतृत्व द्रोणाचार्य की मृत्यु के बाद कौरव सेना का नेतृत्व कर्ण ने संभाला।वह दुर्योधन का सबसे प्रिय मित्र और सेनापति बना।कर्ण अत्यंत पराक्रमी और दानवीर था, लेकिन उसके…
अर्जुन की प्रतिज्ञा अभिमन्यु के वध के बाद अर्जुन शोक और क्रोध से भर गए।उन्होंने शपथ ली –👉 “यदि मैं कल सूर्यास्त से पहले जयद्रथ का वध न कर पाया,…
द्रोणाचार्य का नेतृत्व भीष्म पितामह के शर-शैया पर जाने के बाद कौरव सेना का नेतृत्व द्रोणाचार्य ने संभाला।उनके नेतृत्व में कौरवों ने पांडवों पर भीषण आक्रमण किया।द्रोणाचार्य अपराजेय प्रतीत हो…
भीष्म पितामह का नेतृत्व कुरुक्षेत्र युद्ध के आरंभिक दस दिनों तक कौरव सेना का नेतृत्व भीष्म पितामह ने किया।उनकी अपार शक्ति और अनुभव के सामने पांडव बार-बार परास्त होते रहे।भीष्म…
युद्धभूमि की तैयारी दोनों पक्ष कुरुक्षेत्र के मैदान में आमने-सामने आ खड़े हुए। धृतराष्ट्र ने संजय से युद्ध का वर्णन सुनने का आदेश दिया।👉 यही संवाद भगवद्गीता का आधार बना।…
अज्ञातवास की शर्त 13 वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद पांडवों को 1 वर्ष का अज्ञातवास (गुप्तवास) करना था।👉 नियम यह था कि यदि उस वर्ष में उनकी पहचान…
वनवास की शुरुआत जुए के खेल और द्रौपदी के अपमान के बाद पांडवों को 13 वर्ष का वनवास और फिर 1 वर्ष का अज्ञातवास भुगतना पड़ा।पांडव अपनी माता कुंती और…
दुर्योधन की योजना राजसूय यज्ञ के बाद दुर्योधन अपमानित और प्रतिशोध की आग में जल रहा था।उसने अपने मामा शकुनि के साथ मिलकर पांडवों को नष्ट करने की योजना बनाई।शकुनि…
युधिष्ठिर का राजसूय यज्ञ इंद्रप्रस्थ नगरी के समृद्ध होने के बाद युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ करने का संकल्प लिया।राजसूय यज्ञ का उद्देश्य था —👉 “सभी राजाओं को अपनी अधीनता स्वीकार…
द्रौपदी विवाह के बाद द्रौपदी के स्वयंवर के बाद पांडवों की पहचान खुल गई।भीष्म पितामह और धृतराष्ट्र ने पांडवों को हस्तिनापुर वापस बुलाया।वहाँ सबने उनका आदर किया, लेकिन दुर्योधन को…
पंचाल देश और द्रुपद राजा द्रुपद, जिनसे द्रोणाचार्य ने अपना आधा राज्य ले लिया था, आगे चलकर उनके शत्रु बन गए।उनकी पुत्री का नाम था द्रौपदी, जो अत्यंत रूपवती और…
कौरवों की ईर्ष्या जैसे-जैसे पांडवों की लोकप्रियता बढ़ती गई, दुर्योधन और कौरवों की ईर्ष्या भी बढ़ती गई।भीम की शक्ति, अर्जुन की धनुर्विद्या और युधिष्ठिर का धर्मप्रिय स्वभाव लोगों को पांडवों…
द्रोणाचार्य का हस्तिनापुर आगमन हस्तिनापुर में जब कौरव और पांडव बड़े हुए तो भीष्म पितामह ने उनके लिए एक श्रेष्ठ गुरु की तलाश की।वे द्रोणाचार्य को लेकर आए, जो महान…
धृतराष्ट्र और गांधारी का विवाह हस्तिनापुर के युवराज धृतराष्ट्र ने गांधारी से विवाह किया।गांधारी अत्यंत पतिव्रता स्त्री थीं। जब उन्हें पता चला कि उनके पति जन्म से नेत्रहीन हैं, तो…
भीष्म पितामह और हस्तिनापुर की गद्दी भीष्म पितामह ने प्रतिज्ञा ली थी कि वे विवाह नहीं करेंगे और हस्तिनापुर की गद्दी पर केवल सत्यवती के पुत्र ही बैठेंगे।राजा शांतनु और…
राजा शांतनु और गंगा हस्तिनापुर के राजा शांतनु न्यायप्रिय और वीर शासक थे। एक दिन वे गंगा नदी के तट पर गए तो उन्होंने वहाँ अपूर्व रूपवती स्त्री देखी। वह…
महाभारत भाग 1 : परिचय और महत्व – सम्पूर्ण कथा की शुरुआत महाभारत क्या है? महाभारत केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि यह इतिहास है। इसे “पंचम वेद” कहा जाता…
🏹 महाभारत के योद्धा: कुरुक्षेत्र युद्ध के महान नायक (पूर्ण गाइड) The Mahabharata is not just an epic; it is a living ocean of knowledge, dharma, and valor. At the…
You must have heard or come across the name of Dronacharya. He is one of the pivotal characters of the Hindu epic Mahabharata. Vedic texts, mythological shows, dramas, and TV…