षड्दर्शन शास्त्र | 6 Shastras (Darshana) of Sanatan Dharma

📖 षड्दर्शन शास्त्र (6 Shastras – Darshana)

सनातन धर्म में केवल पूजा–पद्धति ही नहीं बल्कि गहन दर्शनशास्त्र (Philosophy) भी है। इसी दर्शन को षड्दर्शन कहते हैं। “षट्” का अर्थ है छह और “दर्शन” का अर्थ है सत्य को देखने का तरीका। इसलिए 6 शास्त्र को छह दर्शन भी कहा जाता है।


🔹 6 शास्त्र (Shastras – Darshana)

हिंदी नामEnglish NameFounderविशेषता
न्यायNyayaगौतमतर्क और प्रमाण के द्वारा सत्य की खोज
वैशेषिकVaisheshikaकणादपदार्थ, परमाणु और विज्ञान पर आधारित
सांख्यSankhyaकपिलसृष्टि का सिद्धांत – पुरुष और प्रकृति का भेद
योगYogaपतंजलिध्यान, साधना और आत्म-नियंत्रण
मीमांसाMimamsaजैमिनिकर्मकांड और यज्ञ की व्याख्या
वेदांतVedantaव्यासब्रह्म और आत्मा का ज्ञान

🔹 प्रत्येक शास्त्र का परिचय

1. न्याय शास्त्र (Nyaya)

गौतम ऋषि द्वारा रचित। यह तर्क, प्रमाण और लॉजिक पर आधारित है। यह बताता है कि सत्य तक कैसे पहुँचा जा सकता है।

2. वैशेषिक शास्त्र (Vaisheshika)

कणाद ऋषि द्वारा रचित। यह पदार्थ और तत्वों के वर्गीकरण पर आधारित है। इसे भारतीय “परमाणु सिद्धांत” की शुरुआत भी माना जाता है।

3. सांख्य शास्त्र (Sankhya)

कपिल ऋषि द्वारा प्रवर्तित। इसमें सृष्टि के मूल तत्व – पुरुष (चेतना) और प्रकृति (पदार्थ) का सिद्धांत बताया गया है।

4. योग शास्त्र (Yoga)

पतंजलि ऋषि द्वारा रचित। इसमें अष्टांग योग – यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि का मार्ग बताया गया है।

5. मीमांसा शास्त्र (Mimamsa)

जैमिनि ऋषि द्वारा प्रवर्तित। यह शास्त्र कर्मकांड, यज्ञ और अनुष्ठानों की व्याख्या करता है।

6. वेदांत शास्त्र (Vedanta)

व्यास ऋषि द्वारा प्रवर्तित। इसे उत्तर मीमांसा भी कहा जाता है। यह आत्मा और ब्रह्म की एकता का ज्ञान कराता है। इस पर कई आचार्यों (शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, मध्वाचार्य) ने अपने–अपने सिद्धांत दिए।


🔹 रोचक तथ्य (Interesting Facts)

  • षड्दर्शन शास्त्र को हिन्दू दर्शन की रीढ़ कहा जाता है।
  • न्याय और वैशेषिक मिलकर तर्क और पदार्थ विज्ञान समझाते हैं।
  • सांख्य और योग मिलकर आत्मा और साधना का मार्ग बताते हैं।
  • मीमांसा और वेदांत मिलकर धर्म और अध्यात्म का रहस्य खोलते हैं।

📌 निष्कर्ष (Conclusion)

6 शास्त्र केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं बल्कि जीवन, विज्ञान और दर्शन को समझने के मार्ग भी हैं। ये मनुष्य को तर्क, साधना और अध्यात्म की ओर ले जाते हैं।

✨ “षड्दर्शन शास्त्र हमें यह सिखाते हैं कि सत्य को देखने के अनेक मार्ग हो सकते हैं।” ✨
📌 Disclaimer: यह जानकारी प्राचीन ग्रंथों न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा और वेदांत शास्त्र पर आधारित है।

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